Hindi me NCERT History Class-6 (Chapter-1) Notes in Hindi-1
Chapter -1
क्या, कब,कहाँ और कैसे
कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ
- कृषि का आरम्भ -(8000 वर्ष पूर्व )
- सिंधु सभ्यता के प्रथम नगर -( 4700 वर्ष पूर्व )
- गंगा घाटी के नगर, मगध का बड़ा राज्य -( 2500 वर्ष पूर्व )
- वर्त्तमान -( लगभग 2000 वर्ष पूर्व )
लोग कहाँ रहते थे ?
- लाखों साल पहले लोग भोजन संग्राहक या आखेटक रूप में नर्मदा नदी के तट पर रहते थे।
- उत्तर पश्चिम की सुलेमान और किरथर पहाड़ियों वाले क्षेत्र में लगभग आठ हजार वर्ष पूर्व स्त्री पुरुषों ने सबसे पहले गेहूँ तथा जौ जैसी फसलों को उपजाना आरम्भ किया
- उन्होंने भेड़ ,बकरी,और गाय-बैल जैसे पशुओं को पालतू बनाना शुरू किया
- ये लोग गॉव में रहते थे
4 . सिंधु तथा इसकी सहायक नदियों के किनारे 4700 वर्ष पूर्व कुछ आरंभिक नगर फैले-फूले वही गंगा व इसकी सहायक नदियों के किनारे और समुद्र तटवर्ती इलाकों में लगभग 2500 वर्ष पूर्व नगरों का विकास हुआ।
5 . गंगा तथा इसके दक्षिण में सहायक नदी सोन के आस पास का क्षेत्र प्राचीन काल में मगध नाम से जाना जाता था। इसके शासक बहुत शक्तिशाली थे और उन्होंने एक वशाल राज्य स्थापित किया था।
6 . अपने देश के लिए हम प्रायः इंडिया तथा भारत जैसे नामो का प्रयोग करते है।
- इंडिया शब्द इंडस से निकला है जिसे संस्कृत में सिंधु कहा जाता है।
- लगभग 2500 वर्ष पूर्व उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाले ईरानियों और यूनानियों ने सिंघु को हिन्दोस अथवा इंडोस और इस नदी के पूर्व में स्थित भूमि प्रदेश को इंडिया कहा।
- भरत नाम का प्रयोग उत्तर-पश्चिम में रहने वाले लोगों के एक समूह के लिए किया जाता था। इस समूह का उल्लेख संस्कृति की आरंभिक ( लगभग 3500 वर्ष पुरानी )कृति ऋग्वेद में भी मिलता है। बाद में इसका प्रयोग देश के लिए होने लगा।
अतीत की जानकारी के लिए स्रोत
पांडुलिपी
- ये पुस्तके हाथ से लिखी होने के कारण पांडुलिपी कही जाती है
- अंग्रेजी में पांडुलिपी के लिए प्रयुक्त होने वाला ' मैनुस्क्रिप्ट ' शब्द लैटिन शब्द 'मेनू ' जिसका अर्थ हाथ है ,निकला है।
- ये पांडुलिपियां प्रायः ताड़ पत्रों अथवा हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखी मिलती है।
अभिलेख
- पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किए गए मिलते है।
- इन पर शासकों के आदेश, प्रसंसा , वंशावली एवं कार्यों का विवरण मिलता है।
लिखित स्रोत
- महाकाव्य , कविताएं तथा नाटक इत्यादि।
- इनमें से कई संस्कृति ,प्राकृत तथा तमिल में लिखी मिलते है।
- प्राकृत भाषा का प्रयोग आम लोग करते थे।
पुरातात्विक साक्ष्य
- पत्थर और ईंट से बनी इमारतों के अवशेष, चित्रों तथा मूर्तियों के अवशेष इत्यादि।
- इनमे औजार , वर्तन, हथियार, आभूषण, मोहरेब इत्यादि।
- इसके अलावां जानवरों,चिड़ियों तथा मछलियों की अस्थियां इत्यादि भी प्राप्त हुई।
नोट : पांडुलिपियों , अभिलेखों तथा पुरातत्व से ज्ञात जानकारियों के लिए इतिहासकार प्रायः स्रोत शब्द का प्रयोग करते है। इतिहासकार उन्हें कहते है जो अतीत का अध्ययन करते है
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