Hindi me NCERT History Class-6 (Chapter-12) इमारते, चित्र तथा किताबे Notes in Hindi -12





hi friends आप सब कैसे है। आशा करता हु की आप सब अच्छे होंगे। आज हम सब hindi में NCERT Class-6 ( Chapter-12 )इमारते, चित्र तथा किताबे Notes and summary in Hindi me आगे पढ़ेंगे और एक अच्छे से notes तैयार करेंगे जो आने वाले आगामी किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में हेल्प करेगी। 

Chapter-12-

इमारते, चित्र तथा किताबे-

लौह स्तम्भ -

  • महरौली ( दिल्ली ) में कुतुबमीनार के परिसर में खड़ा लौह स्तम्भ करीब 1500 साल पुराना है। 
  • इसकी ऊँचाई 72 मीटर और वजन 3 टन से भी ज्यादा है। 
  • इस पर खुदे अभिलेख है पर 'चंद्र 'नाम के एक शासक का जिक्र है जो संभवतः गुप्त वंश के थे। 

स्तूप -

  • स्तूप शाब्दिक अर्थ टीला होता है, विभिन्न आकार के कभी गोल या लम्बे तो कभी बड़े या छोटे। 
  • प्रायः सभी स्तूपों के भीतर एक छोटा सा डिब्बा रखा रहता है।  इन डिब्बों में बुद्ध या उनके अनुयायियों के शरीर के अवशेष ( जैसे दांत , हड्डी या राख ) या उनके द्वारा प्रयुक्त कोई चीज या कोई कीमती पत्थर अथवा सिक्के रखे रहते हैं।  इस डिब्बे को धातु मँजूसा कहते है। 
  • प्रारंभिक स्तूप, धातु मंजूषा के ऊपर रखा मिटटी का टीला होता था। बाद में टाइल को ईंटों से ढक दिया गया और बाद के काल में उस गुम्बदनुमा ढांचे को तराशे हुए पत्थरों से ढक दिया गया। 
  • प्रदक्षिणापथ- स्तूप के चारो ओर परिक्रमा करने के लिए पथ। 
  • बेदिका- प्रदक्षिणापथ को घेरने के लिए रेलिंग। वेदिका में प्रवेशद्वार बने होते थे। रेलिंग तथा तोरण ( प्रवेशद्वार ) प्रायः मूर्तिकला की सुन्दर कलाकृतियों से सजे होते थे।
  • नोट -  प्रारंभिक स्तूप ईंटो के, संभवतः अशोक के ज़माने में रेलिंग तथा प्रवेश द्वार जोड़े गए। 

मंदिर -


  • मंदिरों में विष्णु, शिव तथा दुर्गा जैसी देवी-देवताओं की पूजा-पाठ होती है। मंदिरों का महत्वपूर्ण भाग गर्भगृह होता था , जहां मुख्य देवी व देवता की मूर्ति को रखा जाता था , इसी स्थान पर पुरोहित धार्मिक अनुष्ठान करते थे। 
  • शिखर- गर्भगृहों के ऊपर काफी ऊंचाई तक किया गया निर्माण। 
  • मंडप-यह एक प्रकार का सभागार होता था जहाँ लोग इकट्ठा होते थे। 
  • नोट-  उत्तर प्रदेश के भितर गांव में आरम्भिक मंदिर है यह लगभग 1500 साल पहले पकी ईंटो और पत्थरों से बनाया गया था। 
  • नोट- एकाश्मिक मंदिर ( महाबलिपुरम )-यह मंदिर एक ही विशाल मंदिर पहाड़ी को तराश कर बनाया गया है। इसीलिए इन्हे एकाश्म कहा गया है। 
  • ऐहोल का दुर्गा मंदिर - यह लगभग 1400 साल पहले बनाया गया था। 

स्तूप तथा मंदिर किस तरह बनाए जाते थे ?-

  • स्तूपों तथा मंदिरों को बनाने की प्रक्रिया में कई अवस्थाएं आती थी इसके लिए काफी धन खर्च होता था। आमतौर पर राजा या रानी ही इन्हे बनवाने का निश्चय करते थे। 
  • इनकी सजावट के लिए पैसे देने वालो में व्यापारी, कृषक, माला बनाने वाले, इत्र बनाने वाले , लोहार,सुनार तथा ऐसे कई स्त्री-पुरुष शामिल थे जिनके नाम खम्भों रेलिंगों तथा दीवारों पर खुदे है। 

चित्र कला -

  • सैकड़ो साल पहले बौध्द भिक्षुओं के लिए विहार बनाए गए। 
  • इन गुफाओं के अंदर अँधेरा होने की वजह से अधिकांश चित्र मशालों की रोशनी में बनाए गए थे। ये रंग पौधों तथा खनिजों से बनाए गए और 1500 बाद भी चमकादार है। 
  • कलाकार अज्ञात है। 

पुस्तकों की रचना -

  • सिलप्पदिकारम -करीब 1800 साल पहले सत्तनार द्वारा लिखा गया ( यह तमिल में है ) इसमें कोवलन तथा माधवी की बेटी की कहानी है। 
  • मेघदूत -इसकी रचना कालिदास ने की थी। 
  • पुराण -इसका शाब्दिक अर्थ प्राचीन या पुराण है। पुराणों में विष्णु, शिव, दुर्गा या पार्वती जैसी देवी-देवताओं से जुडी कहानियां है, इनके पूजा की विधियां है। इसके अतिरिक्त इसमें संसार की सृष्टि व राजाओं के बारे में कहानियां है। अधिकरतर पुराण सरल संस्कृति श्लोक में लिखे गए है, जिससे सब इन्हे सुन और समझ सके। स्त्रियाँ या सूद्र जिन्हे वेद पढ़ने की अनुमति नहीं थी वे भी ऐसे सुन सकते थे। पुराणों का पाठ पुजारी मंदिरों में किया करते थे। 
  • महाभारत - करीब 1500 साल पहले पुराणों तथा महाभारत महाकाव्य को व्यास नामक ऋषि ने संस्कृत में संकलित किया था। महाभारत में ही भगवतगीता भी है, महाभारत कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की कहानी है। युद्ध का उद्देश्य पुरु-वंश की राजधानी हस्तिनापुर की गद्दी प्राप्त करना था। 
  • रामायण - संस्कृत रामायण के लेखक वाल्मीकि माने जाते है। इसमें कोशल के राजकुमार राम,पत्नी सीता के अपहरण ( लंका के राजा रावण द्वारा ) के बाद लड़ाई तथा अयोध्या लौटने की कहानी है। 

विज्ञानं की पुस्तकें -

  • गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने संस्कृत में आर्यभट्टीयम नामक पुस्तक लिखी। 
  • इसमें लिखा है कि दिन व रात पृथ्वी के अपनी धुरी पर चक्कर काटने की वजह से होती है। ग्रहण के वैज्ञानिक तर्क, वृत्त की परिधि की मापन की विधि लिखी है। 

अन्यत्र -कागज -

  • कागज का अविष्कार करीब 1900 साल पहले काई लून नाम के व्यक्ति ने चीन में किया। 
  • करीब 1800 साल पहले यह बगदाद में पहुंची। फिर बगदाद से यह यूरोप,अफ्रीका और एशिया के अन्य भागों में फैली। 
  • भारतीय उपमहाद्वीप में भी कागज की जानकारी बगदाद से आयी। 

कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ -

  • स्तूप निर्माण की शुरुआत ( 2300 साल पहले )
  • अमरावती ( 2000 साल पहले )
  • कालिदास ( 1600 साल पहले )
  • दुर्गा मंदिर ( 1400 साल पहले )
  • लौह स्तम्भ, भीतर गांव का मंदिर, अजंता की चित्रकारी, आर्यभट्ट ( 1500 साल पहले )
विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे- 

राजनीति शाश्त्र-

इसे भी पढ़ें -

संविधान का निर्माण

प्रस्तावना

भारतीय संविधान के स्रोत एवं विशेषताएं

संघ और उसका राज्य क्षेत्र

नागरिकता

मौलिक अधिकार

राज्य के नीति निर्देशक तत्व

मौलिक कर्त्तव्य

केन्द्रीय कार्यपालिका

राज्य की कार्यपालिका

राज्य विधानमंडल

भारत में स्थानीय स्वशासन

संघ राज्य क्षेत्र, अनुसूचित तथा जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन

इतिहास पढ़ने के लिए नीचेदिए गए लिंक क्लिक करें-

इसे भी पढ़ें -

इसे भी पढ़े :

Chapter-1

Chapter-2

Chapter-3

Chapter-4

Chapter-5

Chapter-6

Chapter-7

Chapter-8

Chapter-9

Chapter-10




आप सभी को यह पोस्ट कैसी लगी इसके बिषय में अपनी राय जरूर दे। 
अपना कीमती सुझाव जरूर दे धन्यवाद।


कोई टिप्पणी नहीं

If you have any doubt , Please let me know

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();