Ncert Class-8 History Chapter-11 (राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन) pdf notes in hindi

                                        


hi friends आप सब कैसे है। आशा करता हु की आप सब अच्छे होंगे। आज हम सब hindi में NCERT Class-8  ( Chapter- 11) (राष्ट्रीय आंदोलन का संघटनNotes and summary in Hindi me आगे पढ़ेंगे और एक अच्छे से notes तैयार करेंगे जो आने वाले आगामी किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में हेल्प करेगी। 

Chapter-11

राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन (अट्ठारह सौ सत्तर के दशक से 1947 तक)

राष्ट्रवाद का उदय-
  1. 1870 और 80 के दशक में बने राजनीतिक संगठनों में यह (राष्ट्रवाद की) चेतना और गहरी हो चुकी थी l इसमें ज्यादातर संगठनों की बागडोर वकील आदि अंग्रेजी शिक्षित परिवारों के हाथों में थी lपूना सार्वजनिक सभा इंडियन एसोसिएशन मद्रास महाजन सभा बॉम्बे रेजिडेंसी एसोसिएशन और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आदि इस तरह के प्रमुख संगठन थे l
  2. 1878 में आर्म्स एक्ट पारित किया गया जिसके जरिए भारतीयों द्वारा अपने पास हथियार रखने का अधिकार छीन लिया गया l
  3. 1878 में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट भी पारित किया गया lइस कानून में प्रावधान था कि अगर किसी अखबार में कोई आपत्तिजनक चीज छपती है तो सरकार उसकी प्रिंटिंग प्रेस सहित सारी संपत्ति को जप्त कर सकती है l
  4. 1883 में सरकार ने इल्बर्ट बिल लागू करने का प्रयास किया l इसको लेकर काफी हंगामा हुआ l इस विधेयक में प्रावधान किया गया था कि भारतीय न्यायाधीश भी ब्रिटिश या यूरोपीय व्यक्तियों पर मुकदमे चला सकते हैं l अंग्रेजों के विरोध के वजह से सरकार ने यह विधेयक वापस ले लिया तो भारतीयों ने इस बात का काफी विरोध किया l
  5. एक अखिल भारतीय संगठन की जरूरत 1880 से ही महसूस की जा रही थी परंतु इल्बर्ट विधेयक में इस चाह को और गहरा कर दिया था l
  6. 1885 में देशभर के 72 प्रतिनिधियों व सेवानिवृत्त ब्रिटिश अफसर ए ओ ह्यूम ने मुंबई में सभा करके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना का फैसला लिया l संगठन के प्रारंभिक नेता दादा भाई नौरोजी फिरोजशाह मेहता बदरुद्दीन तैयब जी डब्ल्यू सी बनर्जी सुरेंद्रनाथ बनर्जी रोमेश चंद्र दत्त एस सुब्रमण्यम अय्यर एवं अन्य प्राया मुंबई और कोलकाता के ही थे l
  7. अपने पहले 20 सालों में कांग्रेस अपने उद्देश्य और तरीकों के लिहाज से मध्यम मार्गी पार्टी थी l उन्हें लगता था कि स्वतंत्रता व न्याय के आदर्शों का सम्मान करते हैं इसलिए वह भारतीयों की न्याय संगत मांगों को स्वीकार कर लेंगे l
  8. कांग्रेस ने मांग की कि विधान परिषदों में भारतीयों को ज्यादा जगह दी जाए जिन प्रांतों में परिषदें नहीं है वहां उनका गठन किया जाए l कांग्रेस चाहती थी कि सरकार में भारतीयों को भी ऊंचे पद दिए जाएं l सिविल सेवा लंदन के साथ-साथ भारत में भी परीक्षा आयोजित की जाए l
  9. भारतीयों की मांग थी कि न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग किया जाए, आर्म्स एक्ट को निरस्त किया जाए और अभिव्यक्ति व बोलने की स्वतंत्रता दी जाए l
  10. शुरुआती सालों में कांग्रेस ने कई आर्थिक मुद्दे भी उठाए l
  11. अट्ठारह सौ नब्बे के दशक तक बहुत सारे लोग कांग्रेश के राजनीतिक तौर तरीकों पर सवाल खड़ा किया l इसमें बंगाल के बिपिन चंद्र पाल पंजाब के लाला लाजपत राय और महाराष्ट्र के बाल गंगाधर तिलक प्रमुख थे lउन्होंने निवेदन की राजनीति के लिए नरमपंथीयों की आलोचना की और आत्मनिर्भरता तथा रचनात्मक कामों के महत्व पर जोर दिया l
  12. तिलक ने नारा दिया "स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा" l
           बंगाल विभाजन (स्वदेशी आंदोलन)-
  • 1905 में वायसराय कर्जन ने बंगाल का विभाजन कर दिया l उस वक्त बंगाल ब्रिटिश प्रांत का सबसे बड़ा प्रांत था l बिहार और उड़ीसा के कुछ भाग भी उस समय बंगाल का हिस्सा थे l
  • बंगाल के विभाजन से देशभर में गुस्से की लहर फैल गई l
  • मध्यम मार्ग और आमूल परिवर्तन वादी कांग्रेश के सभी धडों ने इसका विरोध किया l
  • विशाल जनसभाओं का आयोजन किया गया और जुलूस निकाले गए l
  • इससे जो संघर्ष उपजा उसे स्वदेशी आंदोलन के नाम से जाना जाता है l यह आंदोलन बंगाल में सबसे ताकतवर था परंतु अन्य इलाकों में भी इसकी भारी अनुगूंज सुनाई दी l आंध्र के डेल्टा इलाकों में इसे वंदे मातरम आंदोलन के नाम से जाना जाता था l
  • स्वदेशी आंदोलन ने ब्रिटिश शासन का विरोध किया और स्वयं सहायता स्वदेशी उद्यमों राष्ट्रीय शिक्षा और भारतीय भाषा के उपयोग को बढ़ावा दिया l
  • कुछ लोग ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए क्रांतिकारी हिंसा के समर्थक थे l
मुस्लिम लीग का गठन-
  • 1906 में मुसलमान जमींदारों और नवाबों के एक समूह ने ढाका में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का गठन किया l लीग ने बंगाल विभाजन का समर्थन किया व मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचिका का की मांग की व्यवस्था की मांग की l
  • 1909 में सरकार ने यह मांग मान ली और परिषदों में कुछ सीटें मुसलमान उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कर दी गई जिन्हें मुस्लिम मतदाताओं द्वारा चुनकर भेजा जाना था l
13. 1907 मैं कांग्रेश टूट गई (गरमपंथी और नरमपंथी) l
14. दिसंबर 1915 में दोनों खेमों में एक बार फिर एकता स्थापित हुई l
15. 1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच ऐतिहासिक लखनऊ समझौते पर दस्तखत हुई l दोनों संगठनों ने देश में प्रतिनिधि सरकार के संगठन के लिए मिलकर काम करने का फैसला लिया l

राष्ट्रवाद का उदय-
  1. 1917 में रूसी क्रांति के घटना के पश्चात किसानों और मजदूरों के संघर्षों का समाचार तथा समाजवादी विचार बड़े पैमाने पर फैलने लगे थे जिससे भारतीय राष्ट्र वादियों को नई प्रेरणा मिलने लगी l
  2. 1919 के बाद अंग्रेजों के खिलाफ चल रहा संघर्ष धीरे-धीरे एक जन आंदोलन में तब्दील होने लगा l किसान आदिवासी विद्यार्थी और महिलाएं बड़ी संख्या में इस आंदोलन से जुड़ते गए l
महात्मा गांधी का आगमन-
  1. गांधी जी 46 वर्ष की उम्र में 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे l
  2. वे वहां  (दक्षिण अफ्रीका )पर नस्लभेदी पाबंदियों के खिलाफ अहिंसक आंदोलन चला रहे थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी अच्छी मान्यता थी और लोग उनका आदर करते थे l
  3. महात्मा गांधी ने पहले साल पूरे भारत का दौरा किया l
  4. उनके शुरुआती प्रयास चंपारण खेड़ा और अहमदाबाद के स्थानीय आंदोलनों के रूप में सामने आए l इन आंदोलनों के माध्यम से उनका राजेंद्र प्रसाद और वल्लभभाई पटेल से परिचय हुआ l
  5. 1918 में अहमदाबाद में उन्होंने मिल मजदूरों की हड़ताल का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया l
नोट- नटाल कांग्रेस (डरबन साउथ अफ्रीका) का गठन 1895 में हुआ (महात्मा गांधी द्वारा) l

रोलेट सत्याग्रह-
  1. 1919 में गांधीजी ने अंग्रेजो द्वारा पारित रौलेट कानून के खिलाफ सत्याग्रह का आह्वान किया l 
  2. महात्मा गांधी मोहम्मद अली तथा अन्य नेताओं ने इस कानून को शैतान की करतूत और निरंकुश वादी बताया l
  3. गांधी जी ने लोगों से कानून का विरोध करने के लिए 6 अप्रैल 1919 को अहिंसक विरोध दिवस के रूप में अपमान व याचना दिवस के रुप में मनाया जाए हड़ताल का आह्वान किया l
  4. रोलेट सत्याग्रह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहला अखिल भारतीय संघर्ष था l
  5. वैशाखी (13 अप्रैल) के दिन अमृतसर में जनरल डायर द्वारा जलियांवाला बाग में किया गया हत्याकांड इसी दमन का हिस्सा था l इस जनसंहार के विरोध में रविंद्र नाथ टैगोर अपनी नाइटहुड की उपाधि वापस लौटा दी l
खिलाफत आंदोलन और असहयोग आंदोलन-
  1. 1920 में अंग्रेजों ने तुर्की के सुल्तान (खलीफा )पर बहुत सख्त संधि थोप दी थी l भारतीय मुसलमान यह चाहते थे कि पुराने ऑटोमन साम्राज्य में स्थित पवित्र मुस्लिम स्थानों पर खलीफा का नियंत्रण बना रहना चाहिए l
  2. खिलाफत आंदोलन के नेता मोहम्मद अली और शौकत अली अब एक सर्वव्यापी असहयोग आंदोलन शुरू करना चाहते थे l गांधी जी ने उनके आह्वान का समर्थन किया और कांग्रेस से आग्रह किया कि वह पंजाब में हुए अत्याचारों और खिलाफत के मामले में हुए अत्याचार के विरुद्ध मिलकर अभियान चलाएं और स्वराज की मांग करें l
  3. 1921-22 के दौरान असहयोग आंदोलन को और गति मिली l  हजारों विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल कॉलेज छोड़ दिए l मोतीलाल नेहरू सी आर दास सी राजगोपालाचारी और आसिफ अली जैसे बहुत सारे वकीलों ने वकालत छोड़ दी lअंग्रेजों द्वारा दी गई उपाधियों को वापस लौटा दिया गया और विधान मंडलों का बहिष्कार किया गया l जगह-जगह लोगों ने विदेशी कपड़ों की होली जलाई जिससे 1920 के बीच विदेशी कपड़ों के व्यापार में भारी गिरावट आई l
  4. विभिन्न वर्गों और समूह ने गांधीजी के आह्वान के अपने हिसाब से अर्थ निकाले और इस तरह के रास्ते अपनाए जो गांधी जी के विचारों से मेल नहीं खाते थे l सभी जगह लोगों ने अपने आंदोलनों को स्थानीय मुद्दों के साथ जोड़कर आगे बढ़ाया l
  5. फरवरी 1922 में जब किसानों की एक भीड़ ने चौरीचौरा पुलिस थाने पर हमला कर उसे जला दिया तो गांधी जी ने अचानक असहयोग आंदोलन वापस ले लिया l जिसमें 22 पुलिस वाले मारे गए थे l 
1922 से 1929 की घटना -
  1. असहयोग आंदोलन खत्म होने के बाद गांधी जी के अनुयाई ग्रामीण इलाकों में रचनात्मक कार्य शुरू करने पर जोर देने लगे l
  2. चितरंजन दास और मोतीलाल नेहरू जैसे अन्य नेताओं की दलील थी कि पार्टी को परिषद चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए और परिषदों के माध्यम से सरकारी नीतियों को प्रभावित करना चाहिए l
  3. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और हिंदुओं के संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 20 के दशक के मध्य की दो महत्वपूर्ण घटनाएं थी l
  4. कांग्रेस ने 1930 में जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में पूर्ण स्वराज प्रस्ताव पारित किया lइस प्रस्ताव के आधार पर 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया l
युवा क्रांतिकारी राष्ट्रवादी-
  1. भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद सुखदेव और उनके जैसे अन्य क्रांतिकारी राष्ट्रवादी औपनिवेशिक शासन तथा अमीर शोषक वर्गों से लड़ने के लिए मजदूरों और किसानों की क्रांति चाहते थे l
  2. उन्होंने 1928 में दिल्ली स्थित फिरोज़ शाह कोटला में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच एस आर ए) की स्थापना की l
  3. 17 दिसंबर 1928 को भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद एवं राजगुरु ने लाला लाजपत राय पर लाठीचार्ज करने वाले सांडर्स नामक पुलिस अफसर की हत्या की थी l
  4. अपने साथी राष्ट्रवादी बीके दत्त के साथ भगत सिंह ने 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय विधान परिषद में बम फेंका था l उनका मकसद बहारों को सुनाना था l
  5. भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ा दिया गया था l उस समय भगत सिंह की आज सिर्फ 23 साल की थी l
दांडी मार्च-
  1. 1930 में गांधी जी और उनके अनुयाई साबरमती से 240 किलोमीटर दूर स्थित दांडी तट पर पैदल चलकर गए और वहां उन्होंने तट पर बिखरा नमक इकट्ठा करते हुए नमक कानून का सार्वजनिक रूप से उल्लंघन किया l यहां 6 अप्रैल 1930 को पहुंचे थे l
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935-
  1. भारतीय जनता के साझा संघर्षों के चलते आखिरकार इस एक्ट में प्रांतीय स्वायत्तता का प्रावधान किया गया l
  2. 1937 में प्रांतीय विधायिकाओं के चुनाव कराए गए जिनमें 11 में से 7 प्रांतों में कांग्रेस की सरकार बनी l 2 साल के कांग्रेसी शासन के बाद सितंबर 1939 में दूसरा विश्व युद्ध छिड़ गया l कांग्रेस के नेता युद्ध में ब्रिटेन की मदद को तैयार थे l परंतु उसके बदले मैं भारत की स्वतंत्रता चाहते थे l अंग्रेजों ने यह बात नहीं मानी कांग्रेसी सरकारों ने विरोध में इस्तीफा दे दिया l
भारत छोड़ो आंदोलन (1942)-
  1. गांधीजी ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन का एक नया चरण शुरू किया l
  2. उन्होंने अंग्रेजों को चेतावनी दी कि वह फौरन भारत छोड़ दें l
  3. गांधी जी ने भारतीय जनता से आह्वान किया कि वह करो या मरो के सिद्धांत पर चलते हुए अंग्रेजों के विरुद्ध अहिंसक ढंग से संघर्ष करें l
  4. सबसे पहले अंग्रेजों ने बर्बर दमन का रास्ता अपनाया परंतु आखिरकार इस विद्रोह ने ब्रिटिश राज को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया l
नोट- (सुभाष चंद्र बोस)-
  • अहिंसा के गांधीवादी और दर्शकों में विश्वास नहीं करते थे l
  • राष्ट्रपिता के रूप में गांधी जी का सम्मान करते थे l 
  • जनवरी 1941 में उन्होंने कोलकाता छोड़ दिया और जर्मनी के रास्ते सिंगापुर पहुंचे l
  • उन्होंने वहां आजाद हिंद फौज (इंडियन नेशनल आर्मी )का गठन किया l
मौलाना आजाद-
  • मक्का में जन पिता बंगाली और माता अरब मूल  की थी l
  • गांधीवादी आंदोलनों में हमेशा सक्रिय रहने वाले और हिंदू मुस्लिम एकता के पक्के हिमायती थे l
  • इन्होंने जिन्ना के दो राष्ट्र सिद्धांत का विरोध किया था l
सी राजगोपालाचारी-
  • वयोवृद्ध राष्ट्रवादी दक्षिण में नमक सत्याग्रह के नेता सी राजगोपालाचारी 1946 में बनी अंतरिम सरकार के सदस्य थे और स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल रहे l
  • उन्हें लोग राजा जी के नाम से जानते थे l
सरदार वल्लभभाई पटेल-
  • 1945 से 47 के दौरान आजादी के लिए चली वार्ताओं में एक अहम भूमिका अदा की थी l
  • पटेल 1931 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे l
मोहम्मद अली जिन्ना-
  • 1920 तक हिंदू मुस्लिम एकता के समर्थक जिन्ना ने लखनऊ समझौता करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी l
  • 1934 के बाद उन्होंने मुस्लिम लीग को पुनर्जीवित किया और पाकिस्तान की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई l
स्वतंत्रता और विभाजन की ओर-
  1. 1940 में मुस्लिम लीग ने देश के पश्चिमोत्तर तथा पूर्वी क्षेत्रों में मुसलमानों के लिए स्वतंत्र राज्य की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया l इस प्रस्ताव में विभाजन य पाकिस्तान का जिक्र नहीं था l
  2. 1945 में विश्व युद्ध खत्म होने के बाद अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए कांग्रेस और लीग से बातचीत शुरू कर दी परंतु या वार्ता सफल रहे l
  3. 1946 में दोबारा प्रांतीय चुनाव हुए सामान्य निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस का प्रदर्शन तो अच्छा रहा परंतु मुसलमानों के लिए आरक्षित सीटों पर लीग को बेजोड़ सफलता मिले l लीग पाकिस्तान की मांग पर चलती रही l
  4. मार्च 1946 में ब्रिटिश सरकार ने इस मांग का अध्ययन करने और स्वतंत्र भारत का राजनीतिक बंदोबस्त करने के लिए तीन सदस्यी परिसंध भारत भेजा l परिसंघ ने सुझाव दिया कि भारत अविभाजित रहे और उसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को कुछ स्वायत्तता देते हुए एक ढीले ढाले महासंघ के रूप में संगठित किया जाए l
  5. कैबिनेट मिशन की इस विफलता के बाद मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान की अपनी मांग मनवाने के लिए जन आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया l उसने 16 अगस्त 1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाने का आह्वान किया l इस दिन कोलकाता में दंगे भड़क उठे और मार्च 1947 तक उत्तर भारत के विभिन्न भागों में हिंसा फैल गई l
  6. एक नए देश पाकिस्तान का जन्म हुआ l




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