NCERT Class 6 (Chapter-8 भारत : जलवायु, वनस्पति तथा वन्य प्राणी ) Geography in Hindi pdf notes

hi friends आप सब कैसे है। आशा करता हु की आप सब अच्छे होंगे। आज हम सब hindi में NCERT Class-6 Geography ( Chapter- 8) (भारत : जलवायु, वनस्पति तथा वन्य प्राणी Notes and summary in Hindi me आगे पढ़ेंगे और एक अच्छे से notes तैयार करेंगे जो आने वाले आगामी किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में हेल्प करेगी। 

    Chapter-8

    भारत : जलवायु, वनस्पति तथा वन्य प्राणी 

    1. मौसम :

    वायुमण्डल में दिन-प्रतिदिन होने वाला परिवर्तन है। इसमें तापमान,वर्षा तथा सूर्य का विकिरण इत्यादि शामिल है। 
    • दिसंबर से फरवरी तक ठंडा मौसम ( सर्दी )
    • मार्च से मई तक गर्म मौसम ( गर्मी )
    • जून से सितम्बर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम ( वर्षा )
    • अक्टूबर और नवम्बर में मानसून के लौटने का मौसम ( शरद )
    शीत ऋतू :ठंडे मौसम में सूर्य की किरणे सीधी नहीं पड़ती है जिसके परिणामस्वरूप उत्तर भारत का तापमान कम हो जाता है। 
    ग्रीष्म ऋतू :गर्मी के मौसम में सूर्य की किरणे अधिकतर सीधी पड़ती है। तापमान बहुत अधिक हो जाता है। दिन के समय गर्म एवं शुष्क पवन बहती है जिसे लू कहा जाता है। 

    दक्षिण-पश्चिम मानसून या वर्षा का मौसम :

    इस समय पवन बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से स्थल की ओर बहती है। वे अपने साथ नमी भी लाती है। जब ये पवन पहाड़ों से टकराती है तब वर्षा होती है। 

    मानसून के लौटने का मौसम या शरद ऋतू :

    इस समय पवन स्थल भागों से लौटकर बंगाल की खाड़ी की ओर बहती है। यह मानसून के लौटने का मौसम होता है। भारत के दक्षिण भागों विशेषकर तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश में इस मौसम में वर्षा होती है। 
    नोट- जलवायु :1. किसी स्थान पर अनेक वर्षो में मापी गई मौसम की औसत दशा को जलवायु कहते है। 
    2. भारत की जलवायु को मोठे तौर पर मानसूनी जलवायु कहा जाता है। 
    • मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसिम से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है मौसम। 

    3. किसी स्थान की जलवायु उसकी स्थिति, ऊँचाई , समुद्र से दूरी तथा उच्चावच पर निर्भर करती जैसे-
    • राजस्थान के मरुस्थल में स्थित जैसलमेर तथा बीकानेर बहुत गर्म स्थान है, जबकी जम्मू तथा कश्मीर के द्रास एवं कारगिल में बर्फीली ठण्ड पड़ती है। तटीय क्षेत्र जैसे मुम्बई तथा कोलकाता की जलवायु मध्यम है। 
    4. विश्व में सबसे अधिक वर्षा मेघालय में स्थित मौसिनराम में होती है। 

    प्राकृतिक वनस्पतियाँ :

    घास झाड़ियाँ तथा पौधे जो बिना मनुष्य की सहायता के उपजते है उन्हें प्राकृतिक वनस्पति कहा जाता है। 
    • अलग-अलग जलवायु में अलग-अलग प्रकार की वनस्तपतियाँ पाई जाती है। 
    2. भारत की वनस्तपतियों को पाँच प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है- उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय पतझड़ वन, कटीली झाड़ियाँ , पर्वतीय वनस्पति तथा मैंग्रोव वन। 

    उष्णकटिबंधीय वर्षा वन : 

    उष्णकटिबंधीय वर्षा वन उन क्षेत्रों में पाए जाते है जहाँ वर्षा बहुत अधिक होती है। ये इतने घने होते है कि सूर्य का प्रकाश जमीन तक नहीं पहुँच पाता। फलतः वे हमेशा गरे-भरे दिखाई देते है ऑन उन्हें सदाबहार वन कहा जाता है। 
    • अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों , उत्तर-पूर्वी राज्यों के कुछ भागो तथा पश्चिमी घाट की संकरी पट्टी में पाए जाने वाले प्रमुख वृक्ष महोगनी, सबोनी तथा रोजवुड है। 

    उष्णकटिबंधीय पतझड़ वन :

    इन वनों को मानसूनी वन भी कहा जाता है। ये कम घने होते है और वर्ष के एक निश्चित समय में अपनी पत्तियाँ गिराती है। 
    • इन वनों में साल, सागौन,पीपल,नीम एवं शीशम के वृक्ष पाए जाते है। 
    • ये मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार , झारखण्ड , छत्तीसगढ़, ओडिसा तथा महाराष्ट्र के कुछ भागों में पाए जाते है। 

    कटीली झाड़ियाँ :

    ये शुष्क भागो में पायी जाती है। 
    • पानी की क्षति को कम करने के लिए इनकी पत्तियों में बड़े-बड़े कांटे होते है। इनके वृक्ष है -कैक्टस, खैर, बबूल ,कीकर इत्यादि। 
    • ये राजस्थान, पंजाब , हरियाणा, पश्चिमी घाट का पूर्वी ढालों तथा गुजरात में पाई जाती है। 

    पर्वतीय वनस्पति :

    समुद्र तल से 1500 मीटर से 2500 मीटर की ऊँचाई के बीच पेड़ो का आकार शंक्वाकार होता है। ये पौधे शंकुधारी वृक्ष कहे जाते है। 
    • इन वृक्षों के महत्वपूर्ण वृक्ष चीड़, पाइन तथा देवदार है। 

    मैंग्रोव वन :

    ये वन खारे पानी में होते है। ये मुख्यतः पश्चिम बंगाल के सुंदरवन तथा अंडमान एवं निकोबार के द्वीपसमूहों में पाए जाते है। 
    • सुंदरी इस प्रकार के वनो की महत्वपूर्ण प्रजाति है, इसी प्रजाति के नाम पर क्षेत्र का नाम सुन्दर वन पड़ा। 

    वन्य प्राणी :

    गुजरात के गिरवन में एशियाई शेरों का निवास है। 
    • वनों में जन्तुओ की हजारों प्रजातियाँ तथा बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के सरीसृपों , उभयचरों, पक्षियों, स्तनधारियों, कीटो तथा कृमियों का निवास होता है। 
    • बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। 
    • हाथी तथा एक सींग वाला Rhyno ( गैंडे ) असम के जंगलों में पाए जाते है। 
    • हाथी , केरल एवं कर्नाटक में भी मिलते है। 
    • ऊँट भारत के रेगिस्तान तथा जंगली गधा कच्छ के रन में पाए जाते है। 
    • जंगली बकरी,हिमतेंदुआ,भालू इत्यादि हिमालय के क्षेत्र में पाए जाते है। 
    • मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। 

    प्रवासी पक्षी :

    कुछ पक्षी जैसे पेलिकन, साइबेरियन,क्रेन ,स्टोर्क ( बगुला ) फ्लैमिंगो, पिनटेल,बतख ,करलीयू इत्यादि प्रत्येक वर्ष सर्दी के मौसम में हमारे देश में आते है। साइबेरियन क्रेन साइबेरिया से दिसम्बर महीने में आते है तथा मार्च के आरम्भ तक रहते है। 
    नोट- 26 जनवरी 1963 में मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया। 

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