ncert class-6 notes in hindi-2
hi friends आप सब कैसे है। आशा करता हु की आप सब अच्छे होंगे। आज हम सब hindi में NCERT Class-6 ( Chapter- 2) (राजनीतिक सिद्धांत एक परिचय) Notes and summary in Hindi me आगे पढ़ेंगे और एक अच्छे से notes तैयार करेंगे जो आने वाले आगामी किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में हेल्प करेगी।
अध्याय-2
राजनीतिक सिद्धांत एक परिचय-
विविधता एवं भेदभाव-
1.यह कई चीजों पर निर्भर करता है कि हम कैसे रहते हैं कौन सी भाषाएं बोलते हैं क्या खाते हैं क्या पहनते हैं कौन से खेल खेलते हैं और कौन से उत्सव मनाते हैं-इन सब पर हमारे रहने की जगह के भूगोल और उसके इतिहास का असर पड़ता है l
2.संसार में 8 मुख्य धर्म ( हिंदू ,जैन, यहूदी, बौद्ध, ईसाई, इस्लाम, सीखें) भारत में उन ऑटो धर्मों के अनुयाई यानी मानने वाले रहते हैं l
3. यहां 16 साल से ज्यादा भाषाएं /बोलियां बोली जाती है जो कि लोगों की मातृभाषा है l
- यहां 100 से भी ज्यादा तरह के नृत्य किए जाते हैं l
पूर्वाग्रह- जब हम किसी के बारे में पहले से कोई राय बना लेते हैं और उसे अपने दिमाग में बिठा लेते हैं तो वह पूर्वाग्रह का रूप ले लेती है l ज्यादातर यह राय नकारात्मक होती है l
- अगर हम सोचे कि अंग्रेजी सबसे अच्छी भाषा है और दूसरी भाषाएं महत्वपूर्ण नहीं है, तो अन्य भाषाओं को नकारात्मक रूप से देखेंगे l
- हम उन लोगों की शायद इज्जत नहीं कर पाएंगे जो अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाएं बोलते हैं l
रूढ़िबद्ध धारणाएं-
- जब हम सभी लोगों को एक ही छवि में बांध देते हैं या उनके बारे में पक्की धारणा बना लेते हैं तो उसे रूढ़िबद्ध धारणा कहते हैं l
- कई बार हम किसी खास देश धर्म लिंग के होने के कारण किसी को कंजूस अपराधी या बेवकूफ ठहराते हैं l
- हर देश धर्म आदि में हमें कंजूस अपराधी बेवकूफ लोग मिल ही जाते हैं l सिर्फ इसलिए कि कुछ लोग उस समूह में वैसे हैं;पूरे समूह के बारे में ऐसी राय बनाना वाजिब नहीं है l
- इस प्रकार की धारणाएं हमें प्रत्येक इंसान को एक अनोखी और अलग व्यक्ति की तरह देखने से रोक देती है l हम नहीं देख पाते कि उस व्यक्ति के अपने कुछ खास गुण और क्षमताएं हैं जो दूसरों से अलग हैं l
समानता एवं भेदभाव-
- भेदभाव तब होता है जब लोग पूर्वाग्रहों या रूढ़िबद्ध धारणाओं के आधार पर व्यवहार करते हैं l
- बहुत से लोगों के पास अपने खाने कपड़े और घर की मूल जरूरतों को पूरा करने के लिए साधन और पैसे नहीं होते हैं l इस कारण दफ्तरों अस्पतालों स्कूलों आदि में उनके साथ भेदभाव किया जाता है l
- कुछ लोगों को विविधता और समानता पर आधारित भेदभाव का सामना करना पड़ता है l एक तो इस कारण कि वे उस समुदाय के सदस्य हैं जिनकी संस्कृति को मूल्यवान नहीं माना जाता l
- ऐसे दोहरे भेदभाव का सामना कई जनजाति लोगों, धार्मिक समूहों और खास क्षेत्र के लोगों को करना पड़ता है l
दलित- दलित वह शब्द है जो नीची कही जाने वाली जाति के लोग अपनी पहचान के रूप में इस्तेमाल करते हैं l इस शब्द को 'अछूत 'से ज्यादा पसंद करते हैं l दलित का मतलब है जिन्हें दबाया गया कुचला गया l
- सरकार ऐसे लोगों को अनुसूचित जाति के वर्ग में रखती है l
भेदभाव का सामना करने पर-
- अपनी आजीविका चलाने के लिए लोग अलग-अलग तरह के काम करते हैं जैसे पढ़ाना बर्तन बनाना मछली पकड़ना बढ़ई गिरी खेती एवं बुनाई इत्यादि कामों को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है जबकि सफाई करना कपड़े धोना बाल काटना कचरा उठाना जैसे कामों को समाज में कम महत्व का माना जाता है l
- इसलिए जो लोग इन कामों को करते हैं उनको गंदा और अपवित्र माना जाता है l
- यह जाति व्यवस्था का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण पहलू है l जाति व्यवस्था में लोगों के समूह को एक तरह की सीढ़ी के रूप में रखा गया है l
- जिन्होंने अपने आप को इस सीढ़ी में सबसे ऊपर रखा उन्होंने अपने को ऊंची जाति का और उत्कृष्ट कहा l
- जिन समूहों को सीढ़ी की तली में रखा गया उनको अछूत और अयोग्य कहा गया l
भीमराव अंबेडकर( 1891-1956)-
- भारतीय संविधान के पिता एवं दलितों के सबसे बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं l
- उनका महार जाति में जन्म हुआ था जो अछूत मानी जाती थी l
- अंबेडकर अपनी जाति के पहले व्यक्ति थे जिसने अपनी पढ़ाई पूरी की और वकील बनने के लिए इंग्लैंड गए l
- दलितों से अलग अलग तरह की सरकारी नौकरी करने को कहा ताकि वे जाति व्यवस्था से बाहर निकल पाए l
- दलितों के मंदिर में प्रवेश के लिए जो कई प्रयास किए जा रहे थे उनका अंबेडकर ने नेतृत्व किया l
- भीमराव अंबेडकर ने आगे चलकर अपना धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म को अपनाया l -(14 अक्टूबर 1956 में 3.5 ब्लैक अनुयायियों के साथ)
समानता के लिए संघर्ष-
- ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के लिए जो संघर्ष किया गया था उसने समानता के व्यवहार के लिए किया गया संघर्ष भी शामिल था l दलितों औरतों जनजातियों और किसानों ने अपने जीवन में जिस गैर बराबरी का अनुभव किया उसके खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी l
- 1947 में जब भारत आजाद हुआ और एक राष्ट्र बना तो हमारे नेताओं ने समाज में व्याप्त कई तरह की असमानताओं पर विचार किया l
- अस्पृश्यता यानी छुआछूत को अपराध की तरह देखा जाता है और इसे कानूनी रूप से खत्म कर दिया गया है l
- नौकरियां सभी लोगों के लिए खुली हुई हैl
- इन सबके अलावा संविधान में सरकार पर यह विशेष रूप से जिम्मेदारी डाली थी कि वह गरीबों और मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ गए समुदायों को इस समानता के अधिकार के फायदे दिलवाने के लिए विशेष कदम उठाए l
- हालांकि असमानता आज भी मौजूद है l
- समानता वह मूल्य है जिसके लिए हमें निरंतर संघर्ष करते रहना होगा l
- भारतीयों के लिए समानता का मूल वास्तविक जीवन का हिस्सा बने l
- संविधान में कहा गया है कि कोई एक भाषा धर्म या व्यवहार सब के लिए अनिवार्य नहीं बनना चाहिए l
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां लोग बिना भेदभाव के अपने धर्म का पालन करते हैं इसे हमारी एकता के महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखा जाता है l
विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे-
इसे भी पढ़ें -
भारतीय संविधान के स्रोत एवं विशेषताएं
संघ राज्य क्षेत्र, अनुसूचित तथा जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन
इतिहास पढ़ने के लिए नीचेदिए गए लिंक क्लिक करें-
इसे भी पढ़ें -
कक्षा-6 के नागरिक शास्त्र के अन्य अध्याय को यहाँ से पढ़े
कक्षा -7 के इतिहास को पढ़ने के लिए इसे भी देखे -
कक्षा -6 के इतिहास को पढ़ने के लिए इसे भी देखे -
आप सभी को यह पोस्ट कैसी लगी इसके बिषय में अपनी राय जरूर दे।
अपना कीमती सुझाव जरूर दे धन्यवाद।
Post a Comment