भारतीय संविधान
इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे कि भारत को संविधान की आवश्यकता क्यों पड़ी। हम भारत के संदर्भ में यह समझने की कोशिश करेंगे कि संविधान का महत्व क्या है और यह कैसे नागरिकों को अधिकार प्रदान करता है और समाज के मूलभूत स्वरूप को निर्धारित करता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1934 में संविधान सभा की मांग की थी, जो 1946 में गठित हुई। संविधान सभा ने 1949 में नए संविधान का प्रारूप तैयार किया, जिससे भारतीयों को अपने भविष्य और नीतियों को तय करने का मौका मिला। संविधान नागरिकों को उनके अधिकार प्रदान करता है, सरकार के कार्यों को नियंत्रित करता है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करता है। इसके अलावा, हम नेपाल के उदाहरण से भी समझेंगे कि कैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए नया संविधान जरूरी हो सकता है। भारतीय संविधान के प्रमुख घटक, जैसे प्रस्तावना, मूल अधिकार, नीति निर्देशक सिद्धांत और संविधान संशोधन, भी इस पोस्ट में शामिल हैं। यह पोस्ट संविधान के महत्व और उसकी भूमिका को गहराई से समझने में मदद करेगी।
भारत में संविधान की आवश्यकता क्यों महसूस हुई?
- 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संविधान सभा के गठन की मांग को अपनी विशेष नीति में पहली बार शामिल किया।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीयों के लिए स्वतंत्र संविधान सभा की मांग तेजी से उठी।
- दिसंबर 1946 में संविधान सभा का गठन किया गया।
- संविधान सभा ने दिसंबर 1946 से नवंबर 1949 के बीच नए संविधान का प्रारूप तैयार किया।
- 150 वर्षों के अंग्रेजी शासन के बाद भारतीयों को अपनी नीतियां और भविष्य तय करने का मौका मिला।
संविधान सभा के कार्य:-
- संविधान सभा के सदस्यों ने स्वतंत्रता संघर्ष से मिले महान निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया।
- जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा को संबोधित किया।
- सभी लोकतांत्रिक देशों के पास अपना संविधान होना अपेक्षित है।
- संविधान नागरिकों को अधिकार प्रदान करता है और समाज का मूलभूत स्वरूप तय करता है।
- संविधान नियमों का समूह होता है जिसे एक देश के सभी लोग अपना सकते हैं।
नेपाल का उदाहरण
- नेपाल के लोग लोकतंत्र के मार्ग पर चलना चाहते थे और इसके लिए उन्हें नया संविधान चाहिए था।
- 1990 का संविधान राजतंत्र पर आधारित था।
- 2006 में नेपाल के लोगों ने राजा की सत्ता को समाप्त करने में सफलता प्राप्त की।
- 2015 में नेपाल ने नया संविधान अपनाया।
- नया संविधान लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना के लिए आवश्यक था।
संविधान का दूसरा मुख्य उद्देश्य
- देश की राजनीतिक व्यवस्था को तय करना।
- संविधान नेताओं द्वारा सत्ता के दुरुपयोग से बचाव करता है।
- लोकतंत्र में संविधान का महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
भारतीय संविधान
- भारतीय संविधान में समानता का अधिकार महत्वपूर्ण अधिकार है।
- संविधान का उद्देश्य बहुसंख्यकों के निरंतरता के खतरे को कम करना है।
- संविधान अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों के दबाव से बचाता है।
संविधान के फायदे
- संविधान समाज में बड़े सिद्धांतों की रक्षा करता है।
- संविधान नागरिकों को अधिकारों का भरोसा दिलाता है और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
भारतीय संविधान: प्रमुख लक्षण
- बीसवीं सदी में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता संग्राम के निर्देशों को ध्यान में रखा गया।
- संविधान सभा के सदस्यों ने भारतीय समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिया।
- भारतीय संविधान का उद्देश्य न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे को सुनिश्चित करना है।
मुख्य घटक
1. संविधान की प्रस्तावना
- प्रस्तावना भारतीय संविधान की आत्मा है।
- इसमें संविधान के मूल उद्देश्यों और सिद्धांतों का वर्णन है।
2. मूल अधिकार
- नागरिकों के लिए मौलिक अधिकारों का प्रावधान किया गया है।
3. नीति निर्देशक सिद्धांत
- सरकार को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
4. संविधान संशोधन
- भारतीय संविधान को समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है।
- भारतीय संविधान ने समाज के विभिन्न वर्गों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से वर्णित किया है।
- यह सुनिश्चित करता है कि सभी लोग सम्मानपूर्वक और स्वतंत्रतापूर्वक जीवन जी सकें।
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