NCERT Class 7 Civics:बाज़ार में एक कमीज़
बाज़ार में एक कमीज़
कपास की खेती और स्वप्ना की कहानी
"जानें कैसे आंध्र प्रदेश की स्वप्ना कपास की खेती करती है, और व्यापारी के साथ उसका लेनदेन कैसे होता है। इस कहानी में स्वप्ना की मेहनत, संघर्ष और उम्मीदों की झलक देखें।"
दादन व्यवस्था और बुनकरों की स्थिति
"तमिलनाडु के इरोड के बुनकरों के जीवन में झांकिए और जानें कैसे दादन व्यवस्था व्यापारियों और बुनकरों के संबंध को प्रभावित करती है। यह लेख आपको बुनकरों की समस्याओं और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी देगा।"
सहकारी संस्थाएँ: व्यापारियों पर निर्भरता कम करने के प्रयास
"कैसे सहकारी संस्थाएँ बुनकरों और किसानों की मदद करती हैं व्यापारियों पर उनकी निर्भरता कम करने में। इस लेख में जानें सहकारी संस्थाओं के कार्य, उनकी चुनौतियाँ और सफलताएँ।"
वस्त्र निर्यातक फैक्टरी और श्रमिकों की स्थिति
"दिल्ली के निकट वस्त्र निर्यातक कारखानों में श्रमिकों की स्थिति कैसी है? जानें कैसे कपड़ा बनाकर कमीज़ें तैयार होती हैं और इन कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की जीवनशैली और चुनौतियों के बारे में।"
बाजार और समानता: लाभ की असमानता और समाधान के रास्ते
"कपास के किसान से लेकर विदेशी बाजार तक की यात्रा में लाभ की असमानता को समझें। जानें कैसे व्यापारी और व्यवसायी ज्यादा लाभ कमाते हैं जबकि छोटे किसान और बुनकर संघर्ष करते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर भी चर्चा करें।"
कमीज़ की कहानी
- कपास के उत्पादन से प्रारंभ और कमीज़ के बिकने पर समाप्त
- बाज़ार की श्रृंखला कपास उगाने वाले से कमीज़ खरीदने वाले तक
स्वप्ना की कहानी
- कुरनूल (आंध्र प्रदेश) की किसान स्वप्ना अपने खेत में कपास उगाती है
- व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर `2,500 का कर्ज़ लिया
- व्यापारी को सारी रूई बेचने का वादा
कपास की खेती और व्यापारी से लेनदेन
- कपास की खेती में भारी निवेश (उर्वरक, कीटनाशक आदि)
- व्यापारी के आदमी रूई के बोरे तोलते हैं
- व्यापारी `1,500 प्रति क्विंटल के हिसाब से रूई खरीदता है
- कर्ज़ और ब्याज काटकर स्वप्ना को `3,000 मिलते हैं
स्वप्ना की प्रतिक्रिया
- रूई सस्ती बिकने की व्यापारी की बात
- बेहतर कीमत की उम्मीद
- व्यापारी पर निर्भरता और बहस न करना
इरोड का कपड़ा बाज़ार
- तमिलनाडु का विशाल कपड़ा बाज़ार
- व्यापारी और बुनकर का संबंध
- बुनकर व्यापारियों से सूत लेकर कपड़ा बनाते हैं
- व्यापारी तैयार कपड़ा खरीदते हैं और निर्देश देते हैं
दादन व्यवस्था
- व्यापारी बनकरों को सूत देते हैं और तैयार कपड़ा प्राप्त करते हैं
- बुनकरों को सूत खरीदने और बेचने की समस्या नहीं होती
- व्यापारी कपड़ा बेचते हैं, बनकर को कम मूल्य मिलता है
बुनकर सहकारी संस्थाएँ
- व्यापारियों पर निर्भरता कम करने का साधन
- सहकारी संस्थाएँ सूत और कपड़ा बाँटती हैं
- उचित मूल्य दिलाने की कोशिश
दिल्ली के निकट वस्त्र निर्यातक कारखाना
- इरोड का व्यापारी कपड़ा दिल्ली के कारखाने को भेजता है
- कारखाना कमीज़ें बनाकर विदेश भेजता है
- विदेशी खरीदारों की शर्तें और दबाव
गार्मेंट फैक्टरी की स्थिति
- 70 कामगारों में अधिकतर महिलाएँ
- अस्थायी काम और न्यूनतम मजदूरी
- फैक्टरी मालिक की शर्तें
विदेशी बाजार में कमीज़ की कीमत
- 26 डॉलर (1800 रुपये) प्रति कमीज़
- व्यापारी की लागत और मुनाफा
निष्कर्ष:
- बाजार और समानता
- लाभ की असमानता
- व्यापारी और व्यवसायी का अधिक लाभ
- छोटे किसानों और बुनकरों का कम लाभ
समाधान के रास्ते
- सहकारी संस्थाएँ
- कानूनों का दृढ़ पालन
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अध्ययन बिंदु
- स्वप्ना की कहानी: व्यापारी से कर्ज़, रूई की बिक्री और आय
- दादन व्यवस्था: व्यापारियों और बुनकरों का संबंध
- सहकारी संस्थाएँ: व्यापारियों पर निर्भरता कम करने के प्रयास
- वस्त्र निर्यातक फैक्टरी: कमीज़ बनाने की प्रक्रिया और श्रमिकों की स्थिति
- बाजार और समानता: लाभ की असमानता और समाधान के रास्ते
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