NCERT CIVICS/POLITY CLASS-8 अध्याय-7:सार्वजनिक सुविधाएँ

 


अध्याय 7: सार्वजनिक सुविधाएँ

चेन्नई में जल संकट एक गहरी समस्या है, जिसमें जल की असमान आपूर्ति से लेकर गरीबों के लिए पेयजल की उपलब्धता की चुनौतियाँ शामिल हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम चेन्नई के विभिन्न इलाकों के निवासियों की जल समस्या, जल को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता, सार्वजनिक सुविधाओं की आवश्यकता और सरकार की जिम्मेदारियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, जल संकट के समाधान के लिए उठाए जा रहे विभिन्न कदमों और अन्य शहरों की स्थिति पर भी नजर डालेंगे। इस पोस्ट में स्वच्छता और जल जनित रोगों की रोकथाम पर भी विचार किया गया है।

चेन्नई के लोग और जल की स्थिति

  • अन्ना नगर, चेन्नई में जल व्यवस्था:

    • रामगोपाल जैसे वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हरे-भरे लॉन और पर्याप्त जल आपूर्ति का आनंद लेते हैं।
    • बंगलों में अधिकांश समय नल से जल आता है। जल आपूर्ति में कमी होने पर, निजी संपर्क से जल टैंकर की व्यवस्था कर ली जाती है।
  • मायलापुर के सुब्रमण्यम का अपार्टमेंट:

    • दो दिन में एक बार नगरपालिका जल आपूर्ति।
    • निजी बोरवेल से आंशिक जल की पूर्ति, लेकिन जल खारा होता है।
    • पीने के पानी के लिए टैंकर से जल खरीदते हैं, जिसकी लागत ₹500-600 प्रति माह आती है।
    • जल शुद्धिकरण प्रणाली भी स्थापित की गई है।
  • मदीपक्कम के सिवा का घर:

    • चार दिन में एक बार जल प्राप्त होता है।
    • जल की कमी के कारण सिवा अपने परिवार को चेन्नई नहीं ला सकता।
    • पीने के लिए बोतलबंद जल खरीदता है।
  • सैदापेट की पद्मा:

    • एक झुग्गी में रहती है जहाँ न तो बाथरूम है और न ही नल कनेक्शन।
    • 30 झुग्गियों के लिए एक कोने में एक सामान्य नल है जिससे दिन में दो बार 20 मिनट तक जल आता है।
    • एक परिवार केवल तीन बाल्टियाँ भर सकता है।
    • गर्मियों में जल की मात्रा कम हो जाती है, जिससे एक परिवार को जल दूसरे की कीमत पर मिलता है।

मौलिक अधिकार के रूप में जल

  • जीवन के अधिकार का हिस्सा:

    • जल जीवन और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
    • भारत में प्रतिदिन 1600 से अधिक लोग, विशेष रूप से पाँच साल से कम उम्र के बच्चे, जलजनित रोगों के कारण मरते हैं।
    • संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जल को जीवन के अधिकार का हिस्सा माना गया है।
    • प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त करना चाहिए, जो उसकी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
  • सर्वोच्च न्यायालय के मामले:

    • कई मामलों में अदालतों ने सुरक्षित पेयजल को मौलिक अधिकार घोषित किया है।
    • 2007 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने महबूबनगर जिले के एक गाँव में जल प्रदूषण के मामले में 25 लीटर जल प्रति व्यक्ति देने का निर्देश दिया।

सार्वजनिक सुविधाएँ और सरकार की भूमिका

सार्वजनिक सुविधाएं: जीवन के लिए अनिवार्य

  • पानी जीवन के लिए आवश्यक है और सुरक्षित पेयजल कई बीमारियों को रोक सकता है।
  • भारत में पानी का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का हिस्सा माना गया है।
  • पानी का अधिकार हर व्यक्ति के लिए होना चाहिए, चाहे वह अमीर हो या गरीब।
  • सार्वजनिक सुविधाओं की विशेषता:

    • सार्वजनिक सुविधा का लाभ कई लोग साझा कर सकते हैं, जैसे कि एक स्कूल से कई बच्चों को शिक्षा मिलती है।
    • बिजली, सार्वजनिक परिवहन, स्कूल, और कॉलेज जैसी सुविधाएँ आवश्यक हैं।
  • सरकार की जिम्मेदारी:

    • सरकार का प्रमुख कार्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक सुविधाएँ सभी को उपलब्ध हों।
    • निजी कंपनियाँ केवल लाभ के लिए काम करती हैं, जबकि कई सार्वजनिक सुविधाओं में लाभ की संभावना नहीं होती।
    • पानी की आपूर्ति, बिजली, सड़क निर्माण, और स्वच्छता जैसी सुविधाएँ सरकार की जिम्मेदारी हैं।
  • सरकार का बजट:

    • बजट के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों के खर्चों को बताती है।
    • मुख्य रूप से, करों से एकत्रित धन का उपयोग करके सरकार सार्वजनिक सुविधाओं के लिए खर्च करती है।

चेन्नई में जल आपूर्ति: क्या यह सभी के लिए उपलब्ध है?

  • जल आपूर्ति में कमी:

    • चेन्नई में नगरपालिकीय जल आपूर्ति शहर की आवश्यकता का केवल आधा हिस्सा पूरा करती है।
    • जो क्षेत्र जल स्रोतों के पास होते हैं, उन्हें अधिक जल मिलता है, जबकि दूरस्थ क्षेत्रों में जल की कमी होती है।
  • गरीबों पर प्रभाव:

    • मध्यम वर्ग जल की कमी को बोरवेल, टैंकरों से जल खरीदकर, और बोतलबंद जल के माध्यम से पूरा करता है।
    • लेकिन गरीबों को सुरक्षित पेयजल प्राप्त करना मुश्किल होता है, जिससे वे फिर से वंचित रह जाते हैं।
  • कृषकों से जल की खरीद:

    • चेन्नई में निजी कंपनियाँ किसानों से जल खरीदकर शहर में आपूर्ति करती हैं।
    • जल स्रोतों का अति-शोषण होने से भूजल स्तर में भारी गिरावट आई है।

विकल्पों की तलाश


  • अन्य शहरों की स्थिति:

    • चेन्नई जैसी स्थिति अन्य भारतीय शहरों में भी है, जहाँ गर्मियों में जल संकट होता है।
    • निजी कंपनियाँ जल संकट को लाभ के अवसर में बदल रही हैं।
    • जल की आपूर्ति में भी असमानता है, जहाँ कुछ लोग दिन में 7 बाल्टी जल प्राप्त करते हैं, तो कुछ को केवल 1 बाल्टी जल मिलता है।
  • सरकारी जल आपूर्ति का महत्व:

    • जल आपूर्ति सरकार का कार्य है, और कुछ स्थानों पर सरकारी विभागों ने अच्छे परिणाम दिए हैं।
    • मुंबई और हैदराबाद में सरकारी जल विभाग ने अच्छा काम किया है।

स्वच्छता सुविधाओं का विस्तार

  • स्वच्छता और जल जनित रोगों की रोकथाम:
    • स्वच्छता की कमी से जल जनित रोगों का खतरा बढ़ता है।
    • भारत में 87% घरों में पीने का पानी उपलब्ध है, लेकिन केवल 53% घरों में स्वच्छता सुविधाएँ हैं।
  • सुलभ का योगदान:
    • सुलभ ने 8,500 सामुदायिक शौचालय ब्लॉक और 1.5 मिलियन घरेलू शौचालयों का निर्माण किया है।
    • सुलभ की सेवाएँ गरीब कार्यशील वर्ग के लोगों के लिए हैं।

निष्कर्ष

  • मौलिक अधिकार और सार्वजनिक सुविधाएँ:
    • भारतीय संविधान ने जल, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाओं को मौलिक अधिकार माना है।
    • सरकार का मुख्य कार्य है कि वह इन सुविधाओं को सभी को समान रूप से प्रदान करे।
    • निजी कंपनियों को यह जिम्मेदारी देने से समाधान नहीं निकल सकता, क्योंकि सार्वजनिक सुविधाओं का लाभ सभी नागरिकों को मिलना चाहिए।
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