NCERT CIVICS/POLITY CLASS-8 अध्याय-8:क़ानून और सामाजिक न्याय
अध्याय 8: क़ानून और सामाजिक न्याय
शर्ट की कहानी से सीख:
- एक बाजार श्रृंखला किसान से शर्ट के खरीददार तक जुड़ी होती है।
- इस श्रृंखला में कई लोग जैसे किसान, बुनकर और कारखाना मजदूर शोषण का सामना करते हैं।
बाजारों में शोषण:
- बाजारों में मजदूरों, उपभोक्ताओं और उत्पादकों का शोषण आम है।
- इस शोषण को रोकने के लिए सरकार कुछ कानून बनाती है।
मजदूरों के वेतन और न्यूनतम वेतन कानून
न्यूनतम वेतन कानून:
- कई कंपनियां मजदूरों को उचित वेतन नहीं देती हैं।
- कानून के अनुसार मजदूरों को न्यूनतम वेतन से कम नहीं दिया जा सकता।
- यह कानून हर कुछ सालों में संशोधित किया जाता है।
अन्य कानून:
- कार्यस्थलों पर सुरक्षा उपायों का कानून:
- कार्यस्थलों पर अलार्म सिस्टम, आपातकालीन निकास आदि का प्रावधान।
- उपभोक्ता सुरक्षा कानून:
- खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों से उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए।
- आवश्यक वस्तुओं की कीमतों का नियंत्रण कानून:
- गरीबों की सुरक्षा के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करना।
- प्रदूषण विरोधी कानून:
- कारखानों को वायु और जल प्रदूषित करने से रोकने के लिए।
- बाल श्रम निषेध कानून:
- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम पर लगाने पर प्रतिबंध।
- मजदूर संघ बनाने का कानून:
- मजदूरों को संघ बनाकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का हक।
- कार्यस्थलों पर सुरक्षा उपायों का कानून:
कानून का कार्यान्वयन और उसके महत्व
कानून का कार्यान्वयन:
- सिर्फ कानून बनाना पर्याप्त नहीं, उसका पालन कराना भी आवश्यक है।
- सरकार को नियमित निरीक्षण कर मजदूरों को उचित वेतन दिलाना चाहिए।
- कानून का उल्लंघन करने वालों को दंडित करना चाहिए।
सरकार की भूमिका:
- सरकार को निजी कंपनियों की गतिविधियों को नियंत्रित करना चाहिए।
- यह नियंत्रण सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
- सरकार को संविधान द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
भोपाल गैस त्रासदी और कानूनों की आवश्यकता
- भोपाल गैस त्रासदी का संदर्भ:
- 1984 में हुई इस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए और लाखों प्रभावित हुए।
- यूनियन कार्बाइड कंपनी ने सुरक्षा उपायों की अनदेखी की थी।
- सरकार ने भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया।
- त्रासदी के बाद पर्यावरण कानूनों को सख्त किया गया।
कार्यस्थल पर सुरक्षा और श्रमिक अधिकार
- कार्यस्थल पर सुरक्षा का महत्व:
- कम वेतन पर मजदूरों से लंबे समय तक काम कराया जाता है।
- सुरक्षा उपायों की कमी से मजदूरों की जान जोखिम में पड़ती है।
- सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कार्यस्थलों पर सुरक्षा कानूनों का पालन हो।
पर्यावरण संरक्षण के लिए नए कानून
- पर्यावरण संरक्षण कानून:
- 1984 में पर्यावरण संरक्षण के कानून बेहद कमजोर थे।
- भोपाल त्रासदी के बाद सरकार ने पर्यावरण कानून बनाए।
- प्रदूषण फैलाने वाले को नुकसान की भरपाई करनी होती है।
- अदालतों ने भी पर्यावरण के अधिकार को मौलिक अधिकारों का हिस्सा माना।
निष्कर्ष
कानूनों की आवश्यकता:
- कानून समाज में अनैतिक व्यवहारों से बचाव के लिए आवश्यक हैं।
- सरकार का प्रमुख कार्य निजी कंपनियों की गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
- भोपाल गैस त्रासदी ने कमजोर कानूनों और उनके कमजोर कार्यान्वयन के गंभीर प्रभाव दिखाए।
- लोगों को अपने अधिकारों के लिए जागरूक होना और सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
पर्यावरण और श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा:
- सरकार और निजी कंपनियों को समाज के हित में काम करना चाहिए।
- पर्यावरण संरक्षण और श्रमिक अधिकारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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