ncert class-7 civics/ polity chapter-1 notes in hindi pdf Download

 


 hi friends आप सब कैसे है। आशा करता हु की आप सब अच्छे होंगे। आज हम सब hindi में NCERT Class-7 ( Chapter- 1) (समानताNotes and summary in Hindi me आगे पढ़ेंगे और एक अच्छे से notes तैयार करेंगे जो आने वाले आगामी किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में हेल्प करेगी।

                        अध्याय 1

                                                      समानता

मताधिकार की समानता-

1. भारत जैसे एक लोकतांत्रिक देश में सब वयस्कों को एटीन प्लस को मत देने का अधिकार है, चाहे उनका धर्म कोई भी हो, शिक्षा का स्तर या जात कुछ भी हो, वह गरीब हो या अमीर l

  • इसे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार कहा जाता है l
  • समानता यह घोषित करता है कि देश का हर वयस्क स्त्री/पुरुष चाहे उसका आर्थिक स्तर या जाति कुछ भी क्यों ना हो, एक वोट का हकदार है l
अन्य प्रकार की असमानताएं-

1. कुछ लोग जो भारतीय लोकतंत्र में रहते हैं और जिन्हें मताधिकार प्राप्त है, जिनका दैनिक जीवन और कार्य करने की स्थितियां समानता से बहुत दूर हैं l
2. भारत में सामान्यता प्रचलित असमानताओं में से एक है- जातिगत व्यवस्था l
  • ग्रामीण परिवेश में जातिगत पहचान बहुत छोटी आयु में ही हो जाती है l
  • आप भारत के शहरी क्षेत्र में रहते हैं तो शायद यह सोचेंगे कि लोग अब जात पात में विश्वास नहीं करते हैं परंतु प्रमुख समाचार पत्र के वैवाहिक विज्ञापन को देखिए l उच्च शिक्षा प्राप्त शहरी भारती के दिमाग में भी जात कितनी महत्वपूर्ण है l
3. दलित एक ऐसा शब्द है जो निचली कहीं जाने वाली जाति के लोगों को संबोधित करने के लिए प्रयोग में लाते हैं l
  • दलित का अर्थ होता है कुचला हुआ टूटा हुआ और इस शब्द का इस्तेमाल करके दलित यह संकेत करते हैं कि पहले भी उनके साथ बहुत भेदभाव होता था और आज भी हो रहा है l
  • ओमप्रकाश वाल्मीकि (1950-2013) एक प्रसिद्ध दलित लेखक ने अपनी आत्मकथा जूठन लिखी l
मानवीय गरिमा का मूल्य-

गरिमा- इसका तात्पर्य अपने आप को और दूसरे व्यक्तियों को सम्मान योग्य समझने से हैं l
1. प्राया कुछ लोगों के साथ असमानता का व्यवहार बस इस कारण होता है कि उनका जन्म किस जाति, लिंग या धर्म में हुआ और वह उच्च वर्ग के हैं या मध्यम या निम्न वर्ग के l
भारतीय लोकतंत्र में समानता-

1. भारतीय संविधान सब व्यक्तियों को समान मानता है lइसका अर्थ है कि देश के व्यक्ति चाहे वह पुरुष हो या स्त्री किसी भी जात धर्म शैक्षिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं वह सब समान माने जाएंगे l
  • जहां पहले भेदभाव और दुर्व्यवहार से लोगों की रक्षा करने के लिए कोई कानून नहीं था अब अनेक कानून लोगों के सम्मान तथा उनके साथ समानता के व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए मौजूद है l
2. समानता को स्थापित करने के लिए संविधान में जो प्रावधान है कुछ निम्नलिखित हैं-
  • प्रथम,कानून की दृष्टि में हर व्यक्ति समान है l हर व्यक्ति को देश के राष्ट्रपति से लेकर कांता जैसी घरेलू काम की नौकरी करने वाली महिला तक, सभी को एक ही जैसे कानून का पालन करना है l (आर्टिकल 17)
  • दूसरा, किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जात, जन्म स्थान और उसके स्त्री या पुरुष होने के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता l(आर्टिकल फिफ्टीन)
  • तीसरा, हर व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर जा सकता है जिसमें खेल के मैदान होटल दुकानें और बाजार आदि सम्मिलित हैं l
  • चौथा, अस्पृश्यता का उन्मूलन कर दिया गया है l
3. शासन ने संविधान द्वारा मांग किए गए समानता के अधिकार को 2 तरह से लागू किया है-
a). पहला कानून के द्वारा और दूसरा सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों द्वारा l
  • ये योजनाएं यह सुनिश्चित करने के लिए चलाई गई है कि जिन लोगों को अतीत में अवसर नहीं मिले अब उन्हें अधिक अवसर प्राप्त हो l
  • इस दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया एक कदम है-मध्यान भोजन की व्यवस्था (यह 15 अगस्त 1995 में शुरू की गई)
  • Note-यह योजना भारत में सर्वप्रथम तमिलनाडु राज्य में प्रारंभ की गई l 2001 में उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को इसे अपने स्कूलों में 6 माह के अंदर आरंभ करने के निर्देश दिए l
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को दोपहर का भोजन स्कूल द्वारा दिया जाता है l
  • इस कार्यक्रम से जातिगत पूर्वाग्रहों को कम करने में भी सहायता मिली है क्योंकि स्कूल में निम्न व उच्च जाति के बच्चे साथ साथ भोजन करते हैं और कुछ स्थानों पर तो भोजन पकाने के लिए दलित महिलाओं को काम पर रखा गया है l
  • मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम ने निर्धन बच्चों का स्कूलों में प्रवेश और उनकी उपस्थिति तो बढ़ा दी है लेकिन फिर भी इस देश में वे स्कूल जहां अमीरों के बच्चे आते हैं उन्हीं स्कूलों से बहुत अलग है l
अन्य लोकतंत्र में समानता के मुद्दे-
  1. संयुक्त राज्य अमेरिका में अफ्रीकी अमेरिकन लोग 1950 के अंतिम दशक में अफ्रीकी अमेरिकियों को समान अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन हुआ था l
  2. अफ्रीकी अमेरिकन को बस में यात्रा करते समय उन्हें बस में पीछे बैठना पड़ता था जब भी कोई गोरा आदमी बैठना चाहे उन्हें अपनी सीट से उठ जाना पड़ता था l
  3. रोजा पार्क्स (1930-2005) एक अफ्रीकी अमेरिकन महिला थी l
  4. 1 दिसंबर 1955 दिन भर काम करके थक जाने के बाद बस में उन्होंने अपनी सीट एक गोरे व्यक्ति को देने से मना कर दिया l
  5. इसी के साथ अफ्रीकी अमेरिकन ओ के साथ असमानता को लेकर एक विशाल आंदोलन प्रारंभ हो गया जो नागरिक अधिकार आंदोलन (सिविल राइट्स मूवमेंट) कहलाया l
  6. 1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम ने नस्ल धर्म और राष्ट्रीय मूल के आधार पर भेदभाव को निषेध कर दिया l जाति लिंग जन्म स्थान के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा l

=दुकानों सार्वजनिक भोजनालय होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश l या पूर्णता या भागता राजनीति से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं तालाबों स्नान घाटों सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग के संबंध में किसी भी निर्योग्यता दायित्व निरबंधन या शर्त के अधीन नहीं होगा l
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