ncert class-7 civics/ polity chapter-2 notes in hindi




 Hi friends आप सब कैसे है। आशा करता हु की आप सब अच्छे होंगे। आज हम सब hindi में NCERT Class-7 ( Chapter- 2) (स्वास्थ्य में सरकार की  भूमिकाNotes and summary in Hindi me आगे पढ़ेंगे और एक अच्छे से notes तैयार करेंगे जो आने वाले आगामी किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में हेल्प करेगी।

स्वास्थ्य में सरकार की  भूमिका

 

  • v लोकतंत्र में सरकार के लिए कार्य-शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार प्रदान करने एवं गृह निर्माण, सड़कों के विकास तथा बिजली आदि उपलब्ध कराने के माध्यम से हो सकता है।

स्वास्थ्य क्या है?

  • v स्वास्थ्य का अर्थ है, हमारा बीमारियों और चोट आदि से मुक्त रहना। लेकिन स्वास्थ्य केवल बीमारियों से संबंधित नहीं है।
  • v  बीमारी के अलावा हमारे लिए उन कारणों पर भी विचार करना आवश्यक है, जो हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं।
  • v लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी और प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले, भरपेट भोजन न मिले अथवा उन्हें घुटनभरी अवस्था में रहना पड़े, तो उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक है।
  • v हम सब चाहते हैं कि हम जो भी कार्य करें, चुस्ती से और ऊँचे मनोबल के साथ करें।
  • v सुरत और अकर्मण्य रहना, चिंताग्रस्त होना और लंबे समय तक डरे-सहमे रहना स्वस्थ जीवन के लक्षण नहीं हैं।
  • v हम सबको तनावमुक्त और प्रसन्न रहना चाहिए। हमारे जीवन के ये सभी पहलु स्वास्थ्य के हिस्से है।
  • भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ:-
  • v आइए, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के कुछ पहलुओं का परीक्षण करें।
  • v संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय हैं और यहाँ सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किए जाते हैं। लगभग हर वर्ष 30.000 से अधिक नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं।
  • v पिछले वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा में काफ़ी वृद्धि हुई है। सन् 1950 में भारत में केवल 2,717 अस्पताल थे। सन् 1991 में 11.174 अस्पताल थे और सन् 2017 में यह संख्या बढ़कर 23.583 हो गई।
  • v भारत में विदेशों से बहुत बड़ी संख्या में इलाज कराने हेतु चिकित्सा पर्यटक आते हैं। वे उपचार के लिए भारत के कुछ ऐसे अस्पतालों में आते हैं, जिनकी तुलना संसार के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों से की जा सकती है।
  • v भारत विश्व का दवाइयाँ निर्मित करने वाला तीसरा बड़ा देश है और यहाँ से भारी मात्रा में दवाइयों का नियत होता है।
  • v भारत के अधिकांश डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में बसते हैं। ग्रामवासियों को डॉक्टर तक पहुँचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के मुकाबले डॉक्टरों की संख्या काफी कम है।
  • v भारत में करीब पाँच लाख लोग प्रतिवर्ष तपेदिक (टी.बी.) से मर जाते हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति से अब तक इस संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
  • v हर वर्ष मलेरिया के लगभग बीस लाख मामलों की रिपोर्ट प्राप्त होती है। यह संख्या कम नहीं हो रही है।
  • v हम सबको पीने का स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। संचारणीय बीमारियाँ पानी के द्वारा एक से दूसरे को लगती हैं। इन बीमारियों में से 21% जलजनित होती हैं। जैसे- हैजा, पेट के कीड़े और हैपेटाइटिस
  • v भारत के समस्त बच्चों में से आधों को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है और वे अल्प-पोषण के शिकार रहते हैं।
  • v बीमारियों से बचाव और उनके उपचार के लिए हमें उचित स्वास्थ्य सेवाएँ जैसे-स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल, परीक्षणों के लिए प्रयोगशालाएँ. एंबुलेंस की सुविधा, ब्लडबैंक आदि, जो मरीजों को आवश्यक सेवा और देखभाल उपलब्ध करा सकें।
  • v ऐसी सुविधाओं की व्यवस्था को चलाने के लिए हमें स्वास्थ्य सेवकों, नर्सों, योग्य डॉक्टरों तथा अन्य विशेषज्ञों की जरूरत है, जो परामर्श दे सकें, रोग की पहचान कर सकें और इलाज कर सकें।
  • v मरीजों के इलाज के लिए हमें आवश्यक दवाइयाँ व उपकरण भी चाहिए। जब हम बीमार होते हैं, तो अपने इलाज के लिए हमें इन सुविधाओं की जरूरत पड़ती है।
  • v भारत में बड़ी संख्या में डॉक्टर, दवाखाने और अस्पताल हैं।
  • v देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने का पर्याप्त अनुभव और ज्ञान भी उपलब्ध है।
  • v ये ऐसे चिकित्सालय और स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिन्हें सरकार चलाती है।
  • v सरकार अपनी जनसंख्या के एक बड़े भाग की देखभाल करने में समर्थ है, जो सैकड़ों और हजारों गाँवों में फैली हुई है।
  • v चिकित्सा विज्ञान में बहुत असाधारण प्रगति हुई है, जिसके चलते देश में इलाज की नई तकनीकें और विधियाँ उपलब्ध हैं।

सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाएँ:-

  1. v हम स्वास्थ्य सेवाओं को दो मोटे वर्गों में बाँट सकते हैं-

  • ü सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ

 

  • ü निजी स्वास्थ्य सेवाएँ

 

सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ:-

  • Ø सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों की एक श्रृंखला है, जो सरकार द्वारा चलाई जाती है।
  • Ø ये केंद्र व अस्पताल आपस में जुड़े हुए हैं. जिससे ये शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को सुविधाएँ प्रदान करते हैं और सभी बीमारियों (साधारण से लेकर विशेष देखभाल की जरूरत वाली बीमारियाँ) का इलाज प्रदान करते हैं।
  • Ø ग्राम के स्तर पर एक स्वास्थ्य केंद्र होता है, जहाँ प्रायः एक नर्स और एक ग्राम स्वास्थ्य सेवक रहता है। इन्हें सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की देखरेख में कार्य करते हैं।
  • Ø ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा केंद्र कई गाँवों की जरूरतों को पूरा करता है।
  • Ø जिला स्तर पर जिला अस्पताल होता है, जो इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों को देखरेख करता है।
  • Ø बड़े शहरों में कई सरकारी अस्पताल होते हैं
  • Ø इस स्वास्थ्य सेवा को कई कारणों से 'सार्वजनिक' कहा जाता है।
  • Ø सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ये अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं।
  • Ø इन सेवाओं को चलाने के लिए धन उस पैसे से आता है जो लोग सरकार को टैक्स के रूप में देते हैं। इसलिए ये सुविधाएँ सबके लिए हैं।
  • Ø सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था का महत्त्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क या बहुत कम कीमत पर देना है, जिससे गरीब लोग भी इलाज करा सकें।
  • Ø स्वास्थ्य सेवाओं का महत्त्वपूर्ण कार्य है बीमारियों जैसे टी.बी., मलेरिया, पीलिया, दस्त लगना, हैजा, चिकनगुनिया, आदि को फैलने से रोकना।
  • Ø हमारे संविधान के अनुसार लोगों के हित को सुनिश्चित करना और सबको स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना सरकार का प्राथमिक कर्त्तव्य है।
  • Ø सरकार को हर व्यक्ति के जीवन के अधिकार की रक्षा करनी है।
  • Ø सरकार का कर्तव्य है कि वह मरीजों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ दे, जिसमें आकस्मिक इलाज की सुविधा भी सम्मिलित हो।

हमें सरकार को कर क्यों देना चाहिए?

  • Ø सरकार कर से प्राप्त धन का उपयोग विभिन्न प्रकार की सार्वजनिक सेवाओं को मुहैया करवाने में खर्च करती है, जिससे सभी नागरिकों को फ़ायदा होता है।
  • Ø प्रतिरक्षा, पुलिस, न्यायिक व्यवस्था, राजमार्ग इत्यादि कुछ सेवाओं से सभी नागरिकों को लाभ होता है।
  • Ø करों से ही कुछ विकासात्मक कार्यक्रम एवं सेवाएँ उपलब्ध होती है जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक कल्याण, व्यवसायिक प्रशिक्षण इत्यादि, जिनसे जरूरतमंद नागरिकों को लाभ मिलते हैं।
  • Ø करों से प्राप्त धन का उपयोग कुछ प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकम्प, सुनामी आदि मामलों में राहत एवं पुर्नवास के लिए भी किया जाता है।
  • Ø अन्तरिक्ष, परमाणु एवं प्रक्षेपास्त्रों से संबंधित कार्यक्रमों को भी करों के द्वारा प्राप्त राजस्व से ही चलाया जाता है।
  • Ø सरकार खासतौर से गरीबों को कुछ सेवाएँ प्रदान करती है, जो वे बाजार से नहीं खरीद पाते। इसका एक उदाहरण स्वास्थ्य संबंधी सेवा है।

 

निजी स्वास्थ्य सेवाएँ:-

  • Ø हमारे देश में कई तरह की निजी स्वास्थ्य सेवाएँ पाई जाती हैं। बड़ी संख्या में डॉक्टर अपने निजी दवाखाने चलाते हैं।
  • Ø ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी (आर.एम.पी.) मिल जाते हैं।
  • Ø शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में डॉक्टर हैं जिनमें से बहुत-से विशेषज्ञ की सेवाएँ प्रदान करते हैं। निजी रूप से चलाए जा रहे अस्पताल व नर्सिंग होम भी हैं।
  • Ø काफी संख्या में प्रयोगशालाएँ हैं, जो परीक्षण करती हैं व विशिष्ट सुविधाएँ उपलब्ध कराती हैं, जैसे-एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, आदि। ऐसी दुकानें भी हैं, जहाँ से हम दवाइयाँ खरीद सकते हैं।
  • Ø जैसा कि इनके नाम से ज्ञात होता है, निजी स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का स्वामित्त्व अथवा नियंत्रण नहीं होता।
  • Ø सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के विपरीत इन निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों को हर सेवा के लिए बहुत धन व्यय करना पड़ता है।

स्वास्थ्य सेवा और समानता क्या सबके लिए - पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं?

  • Ø हम भारत में ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, जहाँ निजी सेवाएँ तो बढ़ रही हैं, परंतु सार्वजनिक नहीं।
  • Ø लोगों को मुख्यतः निजी सेवाएँ ही उपलब्ध हो पाती हैं। ये शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं।
  • Ø कुछ निजी सेवाएँ अधिक कमाने के लिए ऐसे कार्यों को प्रोत्साहित करती हैं, जो सही नहीं है। कई बार सस्ते तरीके उपलब्ध होने पर भी उनके प्रयोग नहीं किये जा सकते हैं।
  • Ø जनसंख्या के बीस प्रतिशत लोग ही बीमारी के दौरान आवश्यक दवाइयों को खरीदने में सक्षम होते हैं।
  • Ø एक अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग अस्पताल में किसी बीमारी या चोट लगने के कारण भर्ती होते हैं, उनमें से चालीस प्रतिशत लोग खर्चों का भुगतान करने के लिए पैसे उधार लेते हैं या अपनी कुछ संपत्ति बेचते हैं।
  • Ø परिवार उतना भोजन नहीं खाते, जितना इन्हें खाना चाहिए। उन्हें जीवन की आधारभूत आवश्यकताएँ जैसे पीने का पानी, घर के लिए पर्याप्त जगह, साफ़ वातावरण तक उपलब्ध नहीं हो पाता है- और इसलिए उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक रहती है।
  • नोट- भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् का आयुर्विज्ञान नैतिक संहिता कहता है जहां तक संभव हो, प्रत्येक चिकित्सक को औषधों के जेनेरिक नाम ही उपचार पर्ची में लिखने चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि यह युक्तियुक्त और उपयुक्त रूप में हों।

क्या किया जा सकता है?

  • Ø हमारे देश में लोगों के स्वास्थ्य की दशा अच्छी नहीं है। यह सरकार का उत्तरदायित्व है कि वह अपने सब नागरिकों को, विशेषकर गरीबों और सुविधाहीनों को, गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करें।

केरल का अनुभव:-

  • v 1996 में केरल सरकार ने राज्य में कुछ महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किए।
  • v राज्य के पूरे बजट का 40 प्रतिशत पंचायतों को दे दिया गया।
  • v इससे पंचायतें अपनी आवश्यकताओं को योजनाबद्ध कर उनकी पूर्ति कर सकती थीं।
  • v इससे गाँव के लिए पीने का पानी, आहार, औरतों के विकास और शिक्षा आदि के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करना संभव हो सका।
  • v इसके फलस्वरूप जल वितरण व्यवस्था की जाँच की गई. स्कूलों और आगनवाड़ियों के काम को सुनिश्चित किया गया और गाँव की विशेष समस्याओं पर ध्यान दिया गया।
  • v स्वास्थ्य केंद्रों में भी सुधार किया गया।
  • v इन सब कार्यों से स्थिति में सुधार आया।

कोस्टारिका का तरीका:-

  • v कोस्टारिका को मध्य अमेरिका का सबसे स्वस्थ देश माना जाता है।
  • v इसका मुख्य कारण उनके संविधान में निहित है। कई वर्षों पहले कोस्टारिका ने एक बहुत महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया था कि वे देश में सेना नहीं रखेंगे।
  • v इससे उन्हें सेना पर व्यय किए जाने वाले धन को लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आधारभूत जरूरतों पर खर्च करने में मदद मिली।
  • v कोस्टारिका की सरकार मानती है कि देश के विकास के लिए देश का स्वस्थ होना जरूरी है और इसलिए अपने देशवासियों के स्वास्थ्य पर बहुत ध्यान देती है।
  • v कोस्टारिका की सरकार अपने सभी निवासियों को स्वास्थ्य के लिए मूलभूत सेवाएँ व सुविधाएँ देती है. जैसे-पीने का सुरक्षित पानी, सफाई, पोषण और आवास। स्वास्थ्य की शिक्षा को बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है और सभी स्तरों पर 'स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान' शिक्षा का एक जरूरी भाग है।
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